वक़्त के सफर में हम सफर छूट जाते है
जिन्हे आंखे संजोती है ऐसे
सपने टूट जाते है
दोस्ती के हर सफर जब,हमें याद् आते है
आँखों में तो नमी होती है
लेकिन दिल को राहत देते है
ऐसे ही कुछ पल गुजर जाते है
जब हम आपको याद् करते है
पहुंचना था हमें आप तक
हम कितने मजबूर हो गए
न पहुंच सके आप तक
सिर्फ सपने ही संजोते रहे
सोचकर बस आपको
इस लिए दीवाना कहता है
निकला न करो दिल से
क्यों की हम आपको संजोते है॥॥
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