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Construction Safety Poem

काश उस दिन रामु ने हेलमेट पहना होता  काश उस दिन रामु हेलमेट पहना होता  आज उसके बच्चे भूखे न मरते होते  एक हेलमेट की वजह से जान गावानी पढ़ गयी रामु को  काश उस दिन रामु ने हेलमेट पहना होता  यूँ तो काम कर रहा था रामु तिस बरस से  लेकिन सुरक्षा का अनुमान न हो पाया था  जब भी सुरक्षा कर्मी साहब आते तब तब कहता था  तिस बरस हो Gaye है साहब इस लाइन में  काश उस दिन रामु ने हेलमेट पहना होता  आज बीबी बच्चे के वोह भी sang me होता  आज कोई जाके न पूछ पायेगा रामु से  क्या गलती थी रामु की उस दिन  लेकिन जो भी उसके संग थे तब से  बिन हेलमेट के न आये है कोई  काश उस दिन रामु ने हेलमेट पहना होता Rahul Nitin Gupta

हमारी सहनशीलता - और हमारा बचपन

हमारी सहनशीलता - और हमारा बचपन पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी लेकिन इसमें पापबोध भी था कि कहीं विद्यामाता नाराज न हो जायें । पढ़ाई का तनाव हमने पेन्सिल का पिछला हिस्सा चबाकर मिटाया था । "पुस्तक के बीच  *पौधे की पत्ती* *और मोरपंख रखने* से हम होशियार हो जाएंगे ऐसा हमारा दृढ विश्वास था"।  कपड़े के थैले में किताब कॉपियां जमाने का विन्यास हमारा रचनात्मक कौशल था । *हर साल जब नई कक्षा के बस्ते बंधते तब कॉपी किताबों पर जिल्द चढ़ाना हमारे जीवन का वार्षिक उत्सव था ।* *माता पिता को हमारी पढ़ाई की कोई फ़िक्र नहीं थी , न हमारी पढ़ाई उनकी जेब पर बोझा थी* ।  सालों साल बीत जाते पर माता पिता के कदम हमारे स्कूल में न पड़ते थे ।  *एक दोस्त को साईकिल के डंडे पर और दूसरे को पीछे कैरियर पर बिठा* हमने कितने रास्ते नापें हैं , यह अब याद नहीं बस कुछ धुंधली सी स्मृतियां हैं ।  *स्कूल में पिटते हुए और मुर्गा बनते हमारा ईगो हमें कभी परेशान नहीं करता था , दरअसल हम जानते ही नही थे कि ईगो होता क्या है ?* पिटाई हमारे दैनिक जीवन की सहज सामान्य प्रक्रिया थी , &

तुम नाराज न होना

दुनिया रूठे लेकिन तुम नाराज न होना तुम नाराज न होना मेरी पहली मोहब्बत हो तुम इस तरह मुझसे नाराज न होना , मैं रुठु हर बार मना तुम लेना मुझको लेकिन दुनिया रूठे मुझसे तुम नाराज न होना मेरी ज़िन्दगी मेरी चाहत बन बैठे हो तुम इस कदर कभी नाराज न होना मैं जैसा भी हु मुझे अपना कर तो देखो तुम   मैं तुम्हारा ही हु तुम मेरी ही हो यह अहसास करके तो देखो दुनिया मुझसे जब दूर हो जाये तब देना सहारा मेरा तुम जब कुछ अपने पराये हो जाये तब तुम देना साथ मेरा मुझसे कभी नाराज न होना तुम तुम नाराज न होना,मैं कही भी रहु कैसे भी लेकिन दुनिया भूल सकता हु मैं लेकिन तुम्हारी चाहत को अपना बैठा हु मैं इस कदर की दुनिया रूठे लेकिन तुम नाराज न होना मेरी जा मेरी चाहत मेरी मोहब्बत हो तुम मेरे सपनों की कहानी हो तुम , मेरे अंगो की परछाई हो तुम ,इस तरह मुझसे नाराज न होना मैं रुठु हर बार मना तुम लेना मुझको , मेरी ज़िन्दगी भर की कमाई हो तुम बड़े सिद्दत से पाया है तुम्हे ,तुम मुझसे कभी नाराज न होना बहुत बड़े कारनामे कर बैठुंगा ,गर आपने दे दिया साथ मेरा ज़माने वाले भी जानेगे आपके राहुल क
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जय माता दी

जय माता दी

मोहब्बत की निशानी देखनी है तो देखो मां के दरबार मां वैष्णो देवी के दरबार में जहा जिस भक्त से मां को…
अब मेरी हर बातें तुमको कितनी कड़वी लगती है

अब मेरी हर बातें तुमको कितनी कड़वी लगती है

अब मेरी हर बातें तुमको कितनी कड़वी लगती है । एक दिन वोह भी था शायद तुमको याद होगा ,जब हर वक्त तुम्ह…
MS क्वीन University

MS क्वीन University

तू लाख दूरियां बना ले ,तू लाख जिद कर ले , तू लाख परेशान मुझको कर ले ।लेकिन मैं आऊंगा ,मैं आऊंगा ,मै…
वक्त गुजर जाता है मगर तुम नही मिलते ।याद तो बहुत आती है मगर, मिल हम नही सकते ।

वक्त गुजर जाता है मगर तुम नही मिलते ।याद तो बहुत आती है मगर, मिल हम नही सकते ।

वक्त गुजर जाता है मगर तुम नही मिलते ।याद तो बहुत आती है मगर, मिल हम नही सकते ।
आज फिर से तुम याद आ रहे हो

आज फिर से तुम याद आ रहे हो

आज फिर से तुम याद आ रहे हो आज पता नही क्यों तुम बहुत याद आ रहे हो  ,जिंदगी कुछ चंद पलों की मेहमान सी…
आया सावन आया झूम के

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आया सावन आया झूम के ,बरसे बदरा झूल के ,कालिया खिलने का मौसम आया आया सावन आया झूम के , पेड़ो की पत्त…
स्कूल की जिंदगी

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वोह जिंदगी भी क्या जिंदगी थी जैसे चाहा आजाद परिंदे सा उड़ा । वोह जिंदगी भी स्कूल की क्या जिंदगी थी । …
स्कूल की जिंदगी

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वोह जिंदगी भी क्या जिंदगी थी जैसे चाहा आजाद परिंदे सा उड़ा । वोह जिंदगी भी स्कूल की क्या जिंदगी थी । …
बिदेश

बिदेश

जब तक गांव में था शहर की चिंता थी जब शहर गया तब गांव पता चला  शहर गया तब दूसरे बड़े शहर में जाने की च…
रिश्ते

रिश्ते

रिश्ते भले ही बेवजह शुरू होते हों,लेकिन जाते वक़्त वो आपको दो चीज़ें दे जाते हैं ।पहली वो रिश्ते से…
याद है मुझे

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याद है मुझे याद है मुझेजब तुम बाहर भेजते वक़्त रोया करती थी  याद है मुझे याद है मुझे तुम्हारे आंख क…
12 ghazal

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मै आँगन हु तुम मेरे आँगन में तुलसी बन जाना  जहा से पा सकू बिस्तार वोह बिश्राम बन जाना  परीक्षा प्रेम …
महफ़िल

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आज उसकी महफ़िल में हम न होते हुए भी हमारे चर्चे होंगे बड़े अजनबी लोग होंगे बड़ी बेतुकी बातें होगी  मालू…
Shayri

Shayri

इज्जत, मोहब्बत, सराफत ,दिल लगाई ,सब करके तो देख लिया  जब तुझे जाना ही था तो इतना बेरुखी करवाई क्यों …
नौकरी

नौकरी

बात सही लगे तो हां जी हां जी करना बस यही करने मुझे नौकरी में न आया  खुदा की मर्जी अगर हुई तो छोड़ दें…