जवानी
एक फर्याद करते करते हम
जवानी के पास आ गए अब
ये जवानी भी अजब चीज है
किसी को ढहा ले जाती है
लेकिन किसी को दहाड़ना सिखाती है
आती हर एक को है जवानी
लेकिन ढहना दहाड़ना भी तो अलग होता है
कोई कहता है की अब से
लेकिन कोई सुरु कर चूका होता है
शुरू करना और अंत में ,बस फर्क इतना होता है
शुरू जल्द हुआ पर ,अंत काफी देर बाद हुआ
हम यही सोचकर बस ,ज़िन्दगी जीते चले आये
पर हर एक ने क्या कहा ,ज़िन्दगी तो तेरे सहारे है
अब हर एक की ख्वाइस ,पूरा करके हम जायेगे
मेरी ज़िन्दगी मेरी जवानी,किसी के तो भरोसे तो नहीं
पर है इतना याद हमें,की खुदा करेगा याद हमें
क्यों की “राहुल” की याद ने
हर एक को मजबूर कर दिया यहाँ ॥॥॥
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