दूर हो जाउगा
तुमसे कितना मैं दूर हो जाउगा
ये तुह्मे पता नहीं है
मैं कितना हु गहरा ,ये मुझे भी पता नहीं है
फिर भी मैं कितना सहता हु चोट यहाँ
ये तुमको पता नहीं है
मैं कितना हु गहरा तुमको पता नहीं है
मैं कितना हु क्या हु मुझको ,
तुमको पता नहीं है मैं
तुम हमको दिल में रख कर
दिल खेलोगे यह हमको पता नहीं है
फिर भी हमने झेला तुम्हारी जुदाई
यह पहले हमको पता नहीं
न तुम जानो न हम जाने क्या होगा
कहती फिरती रहती थी जो तुम
आज समँझ मेरे जब आया ये!!
जग हसेगा मुझ पर तुम क्या जानो
दर्द ये मेरा है ,
सायद ये तुह्मे पता नहीं है
मैं क्या बोलू तुमको क्या समझू तुमको
ये मुझको भी पता नहीं!!
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