देखो वह विज्ञान है
चारो तरफ तो विज्ञान है
आंधी चलती चलती तूफान ,देती रहती है विज्ञान
ये बस्ती ये कश्ती है ,देन है ये सब विज्ञान की
बस हर जगह है विज्ञान ,विज्ञान ही विज्ञान है
सच है यही की हर कुछ ,देन है विज्ञान की
क्या है दुनिया क्या है रंग रूप ,नहै सब कुछ विज्ञान की
हर रस्ते पर कस्बे खुले ,देन है विज्ञान की
क्या गाथा गऊ इस विज्ञान की ,बस इस लिए है विज्ञान प्रगति की देन
क्या मै कहु विज्ञान को ,हर कुछ है ये विज्ञान की
शायद है ये चंदा सूरज ,पहुंच गया ये विज्ञान है
मंजिल चलते चलते ये ,समुन्द्र की गहराई नाप लिया
बस इतना कहते है" राहुल
"
है देन हर कुछ विज्ञान की ॥॥॥
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