जरा देख के चलों यारों ,भीड़ बहुत है दुनिया में
जरा संभल कर चलो यारों,फिसलकर गिर न जाओ कही
कुछ मिल कर कुछ छूट जाता है,कुछ होते हुए भी नजर न आता है
चुप बैठने से कुछ नहीं होगा यारों,कन्धों से कन्धा मिला कर चलो यारों
भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ गयी है की ,दुनिया में हर मानव- मनुष्य
तनहा तनहा सा हो गया है यारों,कोई
किसी को रास्ता बताने वाला
यहाँ कोई रह नहीं गया है,मंजिल तो दूर की बात है यारों
मंजिल दिखाने वाला भी ,अब तो रह नहीं गया है यारों
बस दुआ करो अपनी अपनी किस्मत का,वही एक साहरा है यारों
भीड़ भरी दुनिया में अब यारों ,चेहरे पहचान नहीं मिलते यहाँ
क्यों की हर चेहरे के पीछे यहाँ,दूसरा चेहरा छिपा रखा है यहाँ यारों
बस ये तो मुकद्दर की बात है,यहाँ कोई झोली भरके तो यहाँ
यहाँ कोई झोली फैलाये बैठा है यारों,न इन्हे तुम पहचान सकोगे यहाँ
न तो तुम देख सकोगे,जरा
देख के चालों यारों
भीड़ बहुत है देख के चलो यारों ॥॥॥
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