क्या कुछ गम है
जो अब तक छुपाये बैठे हो
कह दो न इनमे,क्यों मुस्कराये से तुम बैठे हो
शायद अब यह चाह
मेरी अब यह पसंद बन गयी है
कवि न होते हुए , अब मै कविवर बन गया हु
क्या है दिल में,दिल से यही एक आवाज बन गयी
अब क्या कहु मै , अब तू मेरी एक चाह बन गयी
शायद कुछ गम दिल में,अभी भी खोये हुए है
जो जन्नत से है,पर मन्नत भी अब उन्ही से है
अब यहाँ का कहा,अब जाहिर कही पर होगा
क्या कुछ गम है,जो हम अब तक दबाये बैठे है
शायद कंटक से घेर पड़ा ,अब सो ये तेरा
कंटक से ये "कविवर राहुल दीवाना" बना  ॥॥॥
                    





Rahul “Nitin”Gupta (BE Civil Engineering ,PMP,MBA Project Management ) is Project Director of this organization he have 8 years of experience in construction industry .He is experts in Site execution, planning , billing department ,Technical advisor .

Related Articles

  • Gam2019-01-28महफ़िल यादों की महफ़िल में ज़िन्दगी मेरी ज़िन्दगी एक चिता बन गयी सोच सोच कर मेरी खो… Read More
  • Gam2021-04-18Karjमैंने देखा है लोगो को बेटी की शादी में कर्जदार होते लेकिन मैं तो खुद की शादी मे… Read More
  • Gam2019-01-21भूले भूले भूले हम भूले भूल चुके है जग भूले मगर पराये भूले भूल चुके है हम अपन… Read More
  • Gam2019-01-29लाइन्स   1- तुमसे बात न करू तो गुनाह मेरा होगा अजब सी है मुस्कान तुम्हारी जो रंग… Read More
  • Gam2019-01-28गम ग़मों के आशियों में जले हम वो चराग हैं जो जल जल के ख़तम हुए हैं लेकिन कोई न … Read More
  • Gam2019-01-21गम                       … Read More

0 Comments:

Please do not message any spam