कभी के इस दर्द ने
मुझे मर्द बना दिया
मेरी बर्बादी ही मुझे
दे चली है अब गम
शायद मैंने अपने सपनों में
पैर काट चुके थे
लेकिन किसी के मलहम ने
मुझे इंतजार करना बता दिया
मुश्किलों से लड़कर हम हर भी गए
लेकिन उसके मलहम ने
मुझे मेरी मंजिल के पास ला दिए
शायद कभी के दर्द ने
मुझे मर्द बनने से मजबूर किया
दिए गए मलहम पर
मैंने अपने परिवार का नाम लिया ॥॥
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