यू तो कट रही ज़िन्दगी
मालूम नहीं होता क्या होगा
बस इतना पता है की हमें
हमारी मंजिल बुला रही है
दुनिया केवल पैसे को पहचानती है
हम खाली हाथ वालों को यहा
कौन पूछता है कौन जानता है
जो रह चुकी है पूर्वजो की अमानत
उसी पर तो आज दुनिया चल रही है
यहाँ चद पैसो की लालच में क्या न होता है
बस सामान होना चाहिए दाम सही लग जाता है
यू तो हम सभी काट रहे है ज़िंदगी
लेकिन कुछ ने बना लिया है ज़िन्दगी
कुछ ने तो नाम कमा लिए है यहाँ पर
खुश तो हर कोई है यहाँ
पर फर्क इतना की कोई दिल से नहीं
हर वो सख्श है गुनहगार पैसो की लालच में
चाँद पैसो ने कर दिया है घायल
न किसी को कुछ मालूम है यहाँ पर
न किसी को कुछ कहने का है समय
बस यू तो कट रही है ज़िन्दगी !!
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