Shayri
इज्जत, मोहब्बत, सराफत ,दिल लगाई ,सब करके तो देख लिया
जब तुझे जाना ही था तो इतना बेरुखी करवाई क्यों .....
पता नहीं इतनी होशियारी कहा से सीखते है लोग
रहते है साथ में दिखावे के रिश्ते निभाते है लोग
उन्हें यह लगता है की पता नहीं चल रहा होगा
लेकिन जहा से वोह पढ़ कर आये है
हम वहा के हेड मास्टर रह चुके है
गर कोई बात हो तो बात होनी चाहिए
हिम्मत हो तो सामने से कहकर होनी चाहिए
पीठ पीछे करने का क्या मतलब
असली मर्द हो तो सामने पे वार होनी चाहिए
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