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आया सावन आया झूम के ,बरसे बदरा झूल के ,कालिया खिलने का मौसम आया आया सावन आया झूम के , पेड़ो की पत्ती लगने का मौसम आया ,आया सावन झूम के ,आया मौसम आया प्यार करने का मौसम आया ।आया सावन झूम के ,बहना के संग भाई के प्यार का मौसम आया, आया सावन झूम के ,हरियाली हरियाली दिखती है हर तरफ ,हर तरफ है मन भावन मौसम आया आया सावन झूम के ,फूलों के खिलने का फूलों के महकने का मौसम आया सावन झूम के ।।
आया सावन झूम के पानी में नाव बना कर ,
 उस बचपन को याद दिलाता सावन है ।
आया सावन झूम के ,बचपन की हर याद दिलाता
 सावन है आया सावन झूम के ।आया सावन आया पुरानी कुछ अच्छी यादें लाया ।लाया बचपन के हर दिन याद दिलाया सावन आया, आया सावन झूम के ।
हर सुबह यह सोचते थे की बारिश तेज हो जाए ।
जब बोलते भगवान को बारिश तेज हो जाए
 उसी समय बारिश रुक जाया करती थी। 
आया सावन आया झूम के ।हम बच्चे भी कितने नादान थे
 हमे क्या पता था की एक दिन नौकरी करने जाना पड़ेगा आया सावन आया झूम के ।काश सावन की तरह हर साल बचपन भी लौट कर आता न जाने कितने जिंदगी सवार कर बन जाए ।।।
सावन आया झूम के आया सावन झूम के ।।।

Rahul “Nitin”Gupta (BE Civil Engineering ,PMP,MBA Project Management ) is Project Director of this organization he have 8 years of experience in construction industry .He is experts in Site execution, planning , billing department ,Technical advisor .

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