हम सफर
आज तक के सफर में हम सफर बहुत मिले
पर तुम सा न कोई हमें मिल सका
निगाहों ने देखा तो बहुत चेहरे मगर
मुझे तुम जैसा न चेहरा मिल सका
क्या क्या तुम्हे पाने के खातिर मैं कर
बन जाऊ दीवाना तेरा ,
आज तक के सफर में हम सफर बहुत मिले
हमने अपने कर्तव्यों को खूब निभाया आज तक
पर हमें न पता था हमें अभी कुछ और निभाना बाकि
है
न पता था हमें आज तक की रिश्ते भी दिमाग से निभाए
जाते है
मैंने तो हर रिश्ते को दिल से निभाना सीखा था
पर है अब तुमने हमें दिमाग से भी रिश्ते निभाने
सीखा दिए
क्या मैं करू कुछ समझ न आया था
वक़्त मेरा रुक गया था ऐसा था हॉल मेरा
पर किसी के समझ में क्यों नहीं आता ये
आज तक के सफर में हम सफर बहुत मिले!!
0 Comments:
Please do not message any spam