मेरी रानी ....
मेरी रानी ,चाहता हु तुम्हे इस कदर मैं
पागल सा हो गया हु मैं ,
मेरी रानी ,प्यार तुमसे करता हु इतना
काश हनुमान बन कर मैं भी सीना फाड् कर दिखा सकता
मेरी रानी ,दिल अब तो लगता नहीं तेरे बिन
काश मैं तुमसे अभी मिला न होता
शायद मैं अभी तुमसे मिला न होता
शायद मैं तुम्हारे लिए इतना तड़पता न होता
मेरी रानी ,ज़िन्दगी बन सी गयी हो मेरी तुम अब
जान से भी ज्यादा प्यार आता है तुम पर अब
क्यों ऐसा पहली बार हुआ है मुझको
क्यों ऐसा लगता है की पहली बार हुआ है मुझको
मेरी रानी ,मैं कितना चाहु की कभी चाहत ये कम न
हो !!
कुछ भी अभी रखा हो दिल में तुमने तो बता देना मुझको
तुम
क्योंकी न ज़िन्दगी में धोखे खाये है मैंने ,न मुझे
पसंद है
प्यार जितना करना आता है मुझे ,उससे ज्यादा रूठना
भी आता है मुझे
मेरी रानी कुछ भी रखा हो तुमने दिल में अपने
बता देना मुझको अब ये खत हमारा आखरी है
ये ग़ज़ल हमारी आखरी है पूछ रहा हु जो सवाल मैं
कुछ गलत मत समझ लेना ,लेकिन हा
दिल में रखा है अगर तुमने कुछ भी
बता दो ज़िन्दगी में अभी भी सवेरा है
मेरी रानी ,चाहता हु तुम्हे इस कदर मैं
पागल सा हो गया हु मैं !!
0 Comments:
Please do not message any spam