कही भी मै रहू बस
मुझे तेरा मुखड़ा नजर अाता   है
सोचु मै क्या बस
इसे सोचने से होता है क्या
जहा कही भी रहू बस
तेरी याद मुझे बुलाती है
जब भी तुम्हे सोचु बस 
तेरा चेहरा सामने जाता है
कही पर भी मै चलु बस
तेरी यादों का ही सहारा है
सोच रहा हु कमरे में बस
कही तुमसे जुदाई हो मुझसे
हमेशा तेरे यादों का मै बस
फर्याद करता रहता हु
मंजिले पाकर के भी बस
तुझे ही हमेश याद करता रहता हु
बस तेरे पन्ने दिल में ,मेरे अब वो छआ चुके है
उन पर छापे शब्द मुझे
बेक़रार दिल को कर चुके है
अब इन पन्नो की खूबी बस
बस अब हम तारीफ कर चुके है ॥॥

Rahul “Nitin”Gupta (BE Civil Engineering ,PMP,MBA Project Management ) is Project Director of this organization he have 8 years of experience in construction industry .He is experts in Site execution, planning , billing department ,Technical advisor .

Related Articles

  • Jeevan2019-01-21कौन दुनिया में इंसान कौन है इंसानों में इंसाफ कौन है सत्यता में सत्य क्… Read More
  • Jeevan2019-01-19आसमा वो आसमा वो जमी थी मेरी वो यार वो दोस्त थी मेरी लेकिन बस तेरी मेरी मकसद रह ग… Read More
  • Jeevan2019-01-19लालिमा छोड़ जाना है ये लालिमा अब तेरे इस सहर में जिस तरह से बरसात छोड़ देता है अपनी… Read More
  • Jeevan2019-01-19विज्ञान देखो वह विज्ञान है चारो तरफ तो विज्ञान है आंधी चलती चलती तूफान ,देती रहती… Read More
  • Jeevan2019-01-19गुजरे- दिन उस दिन को क्या याद  करू जो मुझसे दूर हो गए उस यार को क्या कहु जो मुझस… Read More
  • Jeevan2019-01-19देखते-देखते बीत गए दिन उन्हें देखते-देखते कहना चाहा पर कह न मै पाया गुजर गए दिन देखते … Read More

0 Comments:

Please do not message any spam