तुम ज़िन्दगी हो
तुम ज़िन्दगी हो मैं अहसास हु
तुम फूल हो मैं काटा ,
मैं कहा तुम कहा न जाने कैसे मिल गए
पर हा मैं कहु या तुम कहोगे
कुछ तो मैं कहु कुछ तुम कहो
फिर मैं सोचु कुछ तुम सोचो
जितना तुम बोलोगे मैं भी कुछ उतना ही बोलूंगा
फिर भी मैं क्या बोलू तुम्ही बोलो न
ज़िन्दगी को देखा है बहुत करीब से मैंने
ये बताना अभी बाकी है तुम्हे
मुझे अपने बीते दिन जब याद आते है
तब सिर्फ रोना याद आता है
न चाहता हु कभी कोई मेरी ज़िन्दगी में ऐसा आये
जिसे मेरे बारे में कुछ पता न हो
चाहता हु हर कुछ बता दू तुम्हे
डरता हु दूर न जाऊ तुमसे
पर अब वोह मेरे दिन नहीं जो गुजर गए
अब वोह दिन कभी न लौट कर आये मेरी ज़िन्दगी में
बस तुम साथ रहो और मैं ज़िन्दगी की हर ख़ुशी दे पाऊ
तुम्हे
खुद मैं जैसा भी रहु लेकिन तुम्हारी आँखों में
ख़ुशी केवल देख पाऊ
मैं खुद से हारा हुआ वोह इन्शान हु
जो ज़िन्दगी के हर मोड़ पर खड़ा रहा
खुदा ने बचा के रखा मुझे शायद एक नयी ज़िन्दगी देने
के लिए
अब वोह गुजरे ज़माने न रहे अब वोह गुजरे लोग न रहे
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