मेरी जा
मेरी जा तुम तो भरी चाय की प्याली हो ,
चाय का रंग लिए तुम्हारे दोनों गाल
मदमस्त तुम तो राहुल की जवानी हो ,
मेरी जा तुम तो भरी चाय की प्याली हो ,
चाय पत्ती के रंग जैसा तुम्हारा काला बाल
राहुल को कर दे बेहाल ,
मेरी जा तुम तो भरी चाय की प्याली हो ,
तुम जब चलती हो जैसे लगता है चाय छलकती हो मेरी
कप से
मेरी जा तुम तो भरी चाय की प्याली हो
तुम इतनी सुन्दर तुम इतनी प्यारी हो
जैसे नभ में चंदा झूम रहा हो,
मेरी जा तुम तो भरी चाय की प्याली हो
न जाने तुम कैसी किस्मत वाली हो
लेकिन तुम मेरी चाय में डलने वाली दूध सी शीतल
हो
मेरी जा तुम कितनी अच्छी कितनी प्यारी हो
हा तुम राहुल की ही दीवानी हो
मेरी महबूब मेरी जाने जा तुम कभी बदल न देना रंग
अपना
तुम जैसी भी हो राहुल को मंजूर हो
मेरी जा तुम तो भरी चाय
की प्याली हो !!
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