ऐ खुदा खुद को इतनी खुदाई न दे
कि तेरे शिवा कुछ दिखाई न दे
गुनहगार समझेगी दुनिया तुझको
अब इतनी भी ज्यादा सफाई न दे
खुदा ऐसे ही फ़रिश्ते का नाम है
रहे पास में जो दिखाई न दे ॥
हर साल हर बार आता है लेकिन वोह गुजरा हुआ कल नहीं आता ..ज़िन्दगी की कितनी रफ़्तार है आज और कल के चक्कर में ज़िन्दगी के कितने साल निकल गए ..
साल बदलते हर साल देखा लेकिन लोगों को गिरगिट से भी ज्यादा तेज रंग बदलते इस साल देखा ....
चंद सिक्को ने इतना मसरूफ कर दिया कि अपनों से मिलना भी मिलना गुनाह हो गया है ....
0 Comments:
Please do not message any spam