सच देखे तो कोई नहीं है मतवाला
मै देखु तो कोई नहीं सच दिल वाला
पृत्घ्वी खाली किये हो वीरों से
पूछो जरा मिटटी के कड से
देखो जरा पत्थर सी आँखों से
दर्द मुझे ऐ आता है
गरीब बेचारे मर रहे बीमारी से
नहीं है पैसा उनके पास
कैसे करवाए वो इलाज
कोई नहीं है इन्हे पूछने वाला
दुनिया के कोनो को टहलकर देखो
नजर को ठीक कर देखो
गरीब दिलदार से पूछो
बेसहारे यारों से पूछो
क्या बीतती है इनपर
दिल से इनके पूछ कर देखो
दुनिया में रहकर सेवा करना अपना काम है ॥॥
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