मेरी जान थोड़ी मदमस्त
मेरी जान थोड़ी मदमस्त पागल है
सदा खुश रहे वोह मेरी यह तमन्ना है
कितना उसको मैं चाहता हु न मैं भी जान पाता हु
उसके खातिर क्या मैं कर ड़ालु मुझे भी कुछ पता न
चलता है
मैं उसका हो जाऊ वोह मेरी हो जाये
मैंने जबसे एक बार ही देखा उसको
न जाने क्या हो गया मुझको मैं खो सा गया उसमे ऐसा
क्यों
मुझे वोह क्या समझती है न मैं जान पाता हु
मेरे सब्द उसको मेरी चाहत बता देते होंगे
पर मेरी
जान थोड़ी मदमस्त पागल है
जान से भी ज्यादा शायद चाहती है वोह मुझको
पर मुझे है पता कुछ न बोल पाती है
क्या करे जमाना ऐसा है की लोग न समझ पाते है
उसकी गलती नही मुझे भी इतना मालूम है
वोह है ऐसी जैसे खुदा ने खुद ही बनाया हो उसको
मेरी ही खातिर जमीं पर आयी है वोह
मैं उसके लिए कितना सोच लेता हु
रहा मैं इतनी बड़ी महफ़िल में पर न जाने क्यों
आज तक कोई और समझ में न आयी थी
ऐसा क्यों होता है मैं आज तक न समझ पाया
खुदा ने खुद ही हमें मिलवाया !!
बस तमन्ना है मेरी अब कभी न मैं जुदा हो पाऊ उससे
मेरी जान थोड़ी मदमस्त पागल है
तुम्हे हर दम खुद से भी ज्यादा मैं खुश रख पाउ
तमन्ना है मेरी तुम्हे काश दुनिया का हर तोहफा
दे पाउ
मैं इस लायक जरूर बन जाऊ की ,
तुम्हे दुनिया देखे तो नाम मेरा ले ....
तुम्हे दुनिया देखे तो नाम मेरा ले
मेरी जान थोड़ी मदमस्त पागल है
सदा खुश रहे वोह मेरी यह तमन्ना है !!
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