ज़िन्दगी हर किसी को जीना सीखा देती है
कोई मरहम लगाकर जीना सिख लेता है
कोई मरकर ज़िन्दगी जीना सिख लेता है
ज़िन्दगी के घावों को कोई मरहम लगाता है
कोई मिर्च नमक कोई कुरेद देता है
हर कोई ज़िन्दगी जीना सीखा लेता है
पल पल में बदलती रहती  है
ज़िन्दगी का हिस्सा अधूरा रहता है
कैसी होती है ये ज़िन्दगी
हर कोई कैसे कैसे सिख लेता है 
कोई झोपड़ में बीतता है ज़िन्दगी
होते हुए भी करना पड़ता है
फिर होते हुए भी है कहना पड़ता है
ज़िन्दगी हर कोई जीता है
फिर भी इसे बतला कौन पाता है
क्या होती है ये ज़िन्दगी
कैसे बदल जाती है ये ज़िन्दगी ॥॥



Rahul “Nitin”Gupta (BE Civil Engineering ,PMP,MBA Project Management ) is Project Director of this organization he have 8 years of experience in construction industry .He is experts in Site execution, planning , billing department ,Technical advisor .

Related Articles

  • Jeevan2019-01-21जवानी के चंद लम्हे जवानी के कुछ चंद लम्हे जो आज मेरी कविता के अल्फाज है यु तो कहे अगर हम,अपन… Read More
  • Jeevan2019-01-21मेरे -साथ जो साथ में चल सको तो चलो हम न जाने कहा छूट जाये .हमें पकड़ कर चल सको तो चल… Read More
  • Jeevan2019-01-21ऐ -ज़िंदगी ऐ ज़िंदगी तू इतनी खुद्दार क्यों है ऐ ज़िन्दगी तू इतनी बेजान क्यों है न कुछ … Read More
  • Jeevan2019-01-21ज़िन्दगी एक याद ज़िन्दगी अब याद् आयी है ऐ मेरे यार अब तेरी याद् आयी है कहा गया तू अब तो तेर… Read More
  • Jeevan2019-01-21ज़िन्दगी है या मजाक क्या लिख दू ऐ ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी या मजाक है क्या लिख दू मै इस कलम की स्य… Read More
  • Jeevan2019-01-21ज़िन्दगी के हर दिन गुजर जाते है यादों के लम्हे जब तब बचपन याद् अाता है गुजर जाते है यादों के … Read More

0 Comments:

Please do not message any spam