सफाई मत दो
अब कुछ सफाई मत दो
मेरे महबूब मेरे सनम तुम अब कुछ भी सफाई मत दो
क्या हरदम इस ज़िन्दगी से लेकर उस ज़िन्दगी तक
हम तुम सफाई देते फिरेंगे ,
मेरे महबूब मेरे सनम अब इतनी सफाई मत दो
मुझे है तुम्हारे आबरू पर इतना भरोसा
जितना मुझे खुद पर भी नहीं
अब इतनी सफाई मत दो
मुझे क्या पता क्या तुम बता दिए
तुम्हारी सफाई से गुनहगार ,
समझ न ले आपकी नजरे हमें
अब इतनी ज़्यादा सफाई न दो मेरे महबूब सनम
आपकी आवाज में राहुल की जो चाहत है
इसे जो समझे वोह तुम्हारा है ,जो न समझे वोह गवारा
है
आज मुझे फिर से कुछ याद आया है
मेरे महबूब आज फिर से तुम पर ये दिल आया है
अब कुछ सफाई मत दो
मेरे महबूब मेरे सनम तुम अब कुछ भी सफाई मत दो
आपकी आखो में जो प्यार देखा है
आपकी आवाज में जो चाह देखा है
आपमें हम कुछ ऐसे खो गए
जब उठे तो हाथ में आप का हाथ था
अब कुछ सफाई मत दो !!
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