सबसे बड़ा हुआ रुपैया
सबका खुदा हुआ रुपैया
सबको डस गया रुपैया
न मान रहा न सम्मान
हम सबको भूल गए भइया
सबका सब कुछ है रुपैया
रिश्तों ने दामन छोड़ा
परिवार ने मन सम्मान
हमारे पास न था रुपैया
हम न बन पाए किसी के भइया
सबका सब कुछ है रुपैया
जग में छा गया है भइया
सब कुछ बन बैठा है रुपैया
बेटा बिकता है बेटी बिकती है
इस रुपैये के आग में
जग में क्या ऐसा है
जो न खरीद सके ये जग
बस दाम सही हो भइया
सब कुछ है ये रुपैया
नहीं तो हर कोई छोड़ जायेगा तुम्हे भाई
क्यों की हर कुछ है रुपैया
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