उस दिन को क्या याद करू
जो मुझसे दूर हो गए
उस यार को क्या कहु
जो मुझसे भी ज्यादा नूर हो गए
वो वतन वो इरादे
वो मंजिल वो हौसले ॥
दूर मै क्या करू
ये यादें ये बातें
दिल को मै अपने क्या कहु ॥
याद उस दिन करू
जो सपनो में थे मेरे
इन इरादों इन राहों ने मुझे बिखेरा ॥
गम के है दिन गम के है रातें
जो करते है सुबह शाम बातें
ये अरमा अस्मा में बदल गए
तारें भी अब तो चाँद बन गए ॥॥॥
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