झिम झिम सी बारिश की फुहार,
जैसे तेरे बालों में खो जाना ,
धुप की ये गरम चादर
जैसे ओढ़े सर पर चुनरी तेरे
कहने का कुछ दिल कह रहा है
लेकिन कहा आपके पास वक़्त है मु
अब भी बारिश में भीगना तेरे संग बहुत पसंद है
लेकिन ये सफ़ेद बादळ काले नहीं हो पा रहे है
इस धुप में बारिश की दो बूद भी जै
आपके होटों से टपकती जाम लगती है .......
जैसे तेरे बालों में खो जाना ,
धुप की ये गरम चादर
जैसे ओढ़े सर पर चुनरी तेरे
कहने का कुछ दिल कह रहा है
लेकिन कहा आपके पास वक़्त है मु
अब भी बारिश में भीगना तेरे संग बहुत पसंद है
लेकिन ये सफ़ेद बादळ काले नहीं हो पा रहे है
इस धुप में बारिश की दो बूद भी जै
आपके होटों से टपकती जाम लगती है .......
Bahut khub
जवाब देंहटाएंVah vah gajab
जवाब देंहटाएंSach me supper hai apki sabhi poems
जवाब देंहटाएंaap ki poems dil ko chhu jati hai
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