नजरो
नजरो से कभी दूर होने न दूंगा मेरी जान मेरी मोहब्बत
तुम्हे
है कसम तुम्हे आज से यह कभी तुम नाराज न होना मुझसे
मैं तुम्हारे लिए दुनिया छोड़ दू तुम मेरे लिए अपनी
नाराजगी छोड़ दो
लाख गलतिया करता हु मैं है यह मालूम मुझे ,
लेकिन तुम मत रूठो कभी जग भले ही रूठे मुझसे
कैसे समझाऊ शायद मेरी जान ,समझ जाना तुम मेरी गजलों
से
तुम्ही हो मेरी गीतों मेरी गजलों की कहानी
तुमसे ही सुरु हुई है मेरी ज़िन्दगी की कहानी
कभी साथ मेरा न छोड़ देना तुम ,
कभी सपने में भी न छोड़ देना तुम साथ मेरा
नजरो से कभी दूर होने न दूंगा मेरी जान मेरी मोहब्बत
तुम्हे
तुम कभी अब नाराज न होना ,तुम कभी अब नाराज न होना !!
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