ऐ वक़्त
ऐ सुन तो जरा दिन तपाये है रात -दिन
मैंने दुनिआ की भीड़ में सिर्फ तुझे ही देखा
ऐ सुन जरा तुझसे कुछ कहना अभी बाकि है
होश उघ गए तेरे ख्वाब में रात हुई दिन हुआ
पर हमें खबर तक नहीं ,
तेरी चाहत ने मुझे इस कदर किया ,
की दुनिआ की नजर में मै पागल दीवाना हुआ
ऐ सुन तो जरा आज पहली बार कुछ ,
कुछ कहने करने का इरादा है ,मेरे यार तुझसे मिलना
बहाना है
बस सुन तो जरा मै तेरा होकर भी न हो सका
कुदरत ने चाहा तो ,मै तेरा ही होकर आऊंगा
बस कुछ वक़्त अभी बाकि है बस तेरे याद के
कुछ लम्हे अभी बाकि है ,ऐ सुन तो जरा
तेरी याद.अभी बाकि है ,
बस अब तो तेरी तस्वीर बनानी बाकि है
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