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जरा देख तू मेरा दीवानापन
जरा देख तू मेरा पागलपन
मैं हो जाउगा ऐसा दीवाना तेरा
मुझ को न मालूम था कभी
किसी के खातिर जीना किसी के खातिर मरना
सीखा दिया है तुमने हमको
क्या है कैसा है ये दीवाना तेरा
क्या मैंने न जाना मैं भी किसी का इतना
दीवाना हो जाउगा पर हा याद है मुझे
अपने कर्तय्बो पर अटल होना
याद है मुझे अपनी मंजिल
याद है मुझे अपने कर्मों के द्वार
तू एक है मैं एक हु न जाने ये दो जान एक जहाँ है
मुझे कभी पता ही न था मैं अधूरा हु
शायद मेरी माँ न मुझे एक नयी जिम्मेदारी देकर
मुझे एक नयी ज़िन्दगी दे डाली है
आज तक जो हमने निभाए रिश्ते तहे दिल से अपने
कभी किसी रिश्ते को मैंने दिमाग से न निभाया
पर हा याद है मुझे रिश्ते हमेसा दिल के होते है
दिमाग के रिश्ते ज्यादा दिन चलते नहीं
याद है मुझे अपने हर रिश्तों की कीमत
पता है मुझे कीचड़ में से निकल कर
पक्की सड़क पर चलना मैंने खूब सीखा है
पर मुझे याद है अपने बीते हुए हर दिन
याद है मुझे अपने बीते हुए हर वक़्त
पता है मुझे अपनी कहानी
पता है मुझे अपनी ज़िंदगानी
जरा देख तू मेरा दीवानापन  !!

Rahul “Nitin”Gupta (BE Civil Engineering ,PMP,MBA Project Management ) is Project Director of this organization he have 8 years of experience in construction industry .He is experts in Site execution, planning , billing department ,Technical advisor .

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