बचपन के मेरे वो साथी
जवानी में याद आते है
कभी आँखों में मेरे नमी
कभी वही साथ आते है
बचपन से सोचे सपने
जवानी में याद आते है
फिर भी वो अब
मेरे दिल के बहाने आते है
कभी वो हँसाने मुझे ,कभी वो रुलाने आते है
बचपन से बने साथी जवानी में याद आते है
शायद मुकद्दर का यही एक मकसद था
अब मेरे दोस्त मुझे बुलाने आते है
मेरे खुशियों की मंदिर
मेरे दिल की ये मूरत है
शायद अब मेरे साथी अब जवानी में याद आते है
सभी की यादों को सबसे ज्यादा याद आता है
पर अब तन्हाई में ही मुझे अब चैन आता है ॥॥


Rahul “Nitin”Gupta (BE Civil Engineering ,PMP,MBA Project Management ) is Project Director of this organization he have 8 years of experience in construction industry .He is experts in Site execution, planning , billing department ,Technical advisor .

Related Articles

  • Jeevan2021-10-09इंतज़ार आपकाज़िन्दगी में बड़ी बेसब्री से इंतज़ार आपका कब तक आओगे मेरे लाल इंतज़ार आपका … Read More
  • Jeevan2019-01-19गुरु गुरु कृपा एक रूप है ऐसी जिसमे झूमे जग सारा गुरु बिन ज्ञान न हो शिक्षा ग… Read More
  • Jeevan2019-01-28ऐ खुदा ऐ खुदा खुद को इतनी खुदाई न दे कि तेरे शिवा कुछ दिखाई न दे गुनहगार समझेगी … Read More
  • Jeevan2019-01-19गुजारिश न शिकवा न गुजारिश खुदा से है अरमान ,मेरी कस्ती क्यों जली जला क्यों मेरे अ… Read More
  • Jeevan2019-01-19विज्ञान देखो वह विज्ञान है चारो तरफ तो विज्ञान है आंधी चलती चलती तूफान ,देती रहती… Read More
  • Jeevan2019-01-21सुबह सुबह की हवाएं मन को,मेरे सपने दे जाती है , लह - लहती सरयू का पानी, कल कल क… Read More

0 Comments:

Please do not message any spam