खास कर जब तुम याद आते हो
आंखे रो देती है चेहरा खिल उठता है
खास कर जब तुम याद आते हो
कुछ पल बिताये फ़ोन पर वोह बातें आपकी
हमें कभी रुला देती है कभी हँसा देती है !!
खास कर जब तुम याद आते हो
अपना कहकर माना था अपने मुझको
कब आँखों की पलकों पर बिठाया और
कब निचे गिरा दिया पता ही लगा मुझको
खास कर जब तुम याद आते हो
मुझे तुम क्यों इतना याद आते हो
जैसे बहुत बड़ी चाहत सी बन बैठे हो तुम अब
हुई कोई खता है मुझसे तो माफ़ मुझे कर दो
लेकिन ये बतला तो दो की तुम मुझसे मेरे रिश्ते
से क्या खुस हो
क्यों ऐसा कभी कभी लगता है मुझको
बहुत चाहत सी है मेरी आपको ,
लेकिन फिर दिल कहता है की न ऐसा न है
खास कर जब तुम याद आते हो
क्या तुम मेरे हो मेरी कबिता तुमसे यह पूछ रही
जवाब दे देना तुम मेरी इस कबिता का
कभी अपने कहा था की वक़्त चाहिए
अब तो वक़्त भी आ गया ,
अब आपकी यह मेहरबानी होगी राहुल पर
जवाब देना मेरी इस कबिता का
तुम मेरे हो न तुम तो मुझसे खुस हो न
खास कर जब तुम याद आते हो
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