मैंने देखा है लोगो को बेटी की शादी में कर्जदार होते
लेकिन मैं तो खुद की शादी में कर्जदार हो गया ....
ऐ चाँद अब तू भी बता तू कौन से मजहब से है
ईद भी तेरी और करवाचौथ भी तेरा
इस जहा में इंसानों ने सब कुछ तो बाँट दिया है
ईश्वर बांटे बाँट दिया जानवर बाँट दिया संसार
ऐ चाँद अब तू भी बता तू कौन से मजहब से है
ख्वाब तो था ज़िन्दगी अकेले गुज़ार देने
लेकिन सुना था मोहब्बत करने से ज़िन्दगी बदल जाती है
हम इस कहावत को सच मान बैठे
पर जब किया तो इसका पूरा मतलब न समझ पाय
क्या पता था की मोहब्बत भी ज़िन्दगी ख़राब कर देती है ....
NOw you can hear here -
पुरुष ने जब भी लिखा अपने प्रेम पर लिखा और वोह कवी बना लेखक बना ,
लेकिन स्त्री ने जब लिखा एक पुरुष के बारे में तो केवल जिस्म का भूखा ,पागल लिखा ...
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