रिश्ते
रिश्ते भले ही बेवजह शुरू होते हों,लेकिन जाते वक़्त वो आपको दो चीज़ें दे जाते हैं ।पहली वो रिश्ते से जुड़ी वो खुबसुरत यादें जो ताउम्र आपके साथ रहती हैं ,जिन्हें कोई भी इंसान चाह कर भी आपसे स्टील नहीं कर सकता।दूसरा वो बेपनाह दर्द…वो ग़म…वो तकलीफ़…आपके अंदर का इंसान बदलना,जिसे दुनिया में कोई दूसरा इंसान उस इंसान के अलावा हील नहीं कर सकता ।रिश्ते ख़ाली हाथ नहीं जाते है…लोग यूँ ही नहीं जाते हैं ।कुछ देकर तो बहुत कुछ आपके अंदर से ले कर जाते हैं ।”
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