स्कूल की जिंदगी
वोह जिंदगी भी क्या जिंदगी थी
जैसे चाहा आजाद परिंदे सा उड़ा ।
वोह जिंदगी भी स्कूल की क्या जिंदगी थी ।
दोस्तो संग घूमना दोस्तों संग मस्ती करना क्या जिंदगी थी ।
हर गम से दूर दूर तक कोई नाता ना था ।
वोह जिंदगी भी क्या जिंदगी थी ।
हर तरफ से था संभालने वाला ।
ना किसी की थी चिंता न किसी का था कोई गम ।
वोह जिंदगी भी क्या जिंदगी थी ।
स्कूल की मेरी वोह क्या जिंदगी थी ।
याद बचपन का जब आता है ।
फिर से एक बार उस बचपन में खो जाने को दिल करता है ।
काश कोई बीता हुआ कल लौटा पाता।
फिर से वोह स्कूल के दिन मुझे दे पता ।
मैं फिर से एक बार अपने बचपन का लुफ्त उठा पता ।
वोह जिंदगी भी स्कूल की क्या जिंदगी थी ।
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