मेरी-याद
आज फिर मेरी याद आ रही होगी
उसकी नींद सिलवटों में बदल रही होगी
फिर मेरी याद आ रही होगी
जब उनकी हाथों में मेहदी रच रही होगी
आज फिर उनको मेरी याद आ रही होगी
जब वो दीपक बुझा रही होगी
फिर से फोन का इंतजार कर रही होगी
आज मेरी याद आ रही होगी
फोन में मेरा नंबर चूमकर
वो मेरा तस्वीर बना रही होगी !!
आज फिर मेरी याद आ रही होगी
अपने जोड़े को देखकर वो तो
मुझे अपने पास समझ रही होगी
जिस्म चादर सा बिछ गया होगा
फिर उसे मेरी याद आ रही होगी
अब एक रात कट गयी होगी
फिर से
एक रात आ रही होगी
फिर मेरी याद आ रही होगी
फिर वो हाथो में मेहदी लगा रही होगी !
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