जिंदगी की शाम
न जाने किस मोड़ पर जिंदगी की शाम हो जाये
चलो थोड़ी दूर तक हम साथ चलते है
न जाने कहा जिंदगी उदास हो जाये
कब तक है जीने का मौका हस कर जी लो जरा
न जाने किस मोड़ पर जिंदगी की शाम हो जाये
कब कफ़न में लिपटा मिले शरीर हमारा
चलो जरा हाथ थाम लो हमारा
न जाने कब जिंदगी रूठ जाये
न जाने कब सास रुक जाये जीभर जी लो जिंदगी यहाँ
कौन किसका है यहाँ हर सास की कीमत देनी होती है
बिकता तो यहाँ हर कुछ है बस दाम सही हो तो थाली
की रोटी भी बिक जाती है
कौन कहता है यहाँ की हम साथ है
दुनिया झूठी है जो कहता है हम साथ है
सबसे पहले पीछे हटता वही होगा
न जाने किस मोड़ पर जिंदगी की शाम हो जाये!!
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