बाहर से जब मै घर आया
माँ देखि बेटे को अपने
हुआ दुःख माँ को अब
बेटे का तन देखकर
बाहर से जब मै घर आया
बाप न देखा बेटे को अपने
सब खा गए या फिर बचाकर लाये
हुआ दुःख बाप को अब
देना होगा खर्चा अपने पास से अब
बाहर से जब मै घर आया
देखे देखे भाई बहन
हुआ दुःख भाई बहन को
क्यों की भाई का हाथ हैं खाली
जो बोले थे कुछ भी न लाये
सब खाय पिया उड़ाया है
अपने बारे में सब ने सोचा
मेरे बारे में नहीं पूछा है कोई
इतने से मतलब रहा सबको
कितना पाए कितना खाये
बाहर से जब मै घर आया ॥
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