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छोटी सी है ज़िन्दगी
इसमें कोई नया मिल जाता है
फिर कुछ सुरु होता है
होते होते ये क्या होता है
की कोई दर्द बनने लगता है
इस दर्द की तन्हाई को
इस लब्ज में खुदाई कहते है
यही खुदाई तो जखम है
इस जखम को भरना होता है
जिसे हम प्यार कहते है
दुनिया क्या है इससे क्या
मगर ये क्या हुआ,
जब उससे बिछुड़ना होता है
ये बिछुड़न तो बिष सा लगता है
पर अब क्या होगा,जो होना था होना है
हर कुछ तो अच्छा लगता है
अब क्या होता रहता है
छोटी ज़िन्दगी चार दिन चांदनी
फिर वही अंधेरी रात, कोई मिल जाता है
कोई बिछुड़ जाता है

Rahul “Nitin”Gupta (BE Civil Engineering ,PMP,MBA Project Management ) is Project Director of this organization he have 8 years of experience in construction industry .He is experts in Site execution, planning , billing department ,Technical advisor .

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