अपनी दुनिया का खजाना
अपने दिल से तुम पूछ लो
याद भरी ज़िंदगी का याराना
अपनी मकसद से तुम पूछ लो
अपनी अपनी हर यादें पूछ लो
पूछ लो अपनी आत्मा से
अपनी दुनिया का सराना
पूछ लो अपनी सोचो से
सोच सोचने से कुछ नहीं होता
होता है अपने दिल से
पहले दिल का इम्तहा है
पूछो इसे चेहरे के गुमानो से
हर समय पूछने का वक़्त नहीं होता
वक़्त हमेशा इम्तहा होता है
अपनी दुनिया का खजाना
खजाना मेरी आदत की है ॥॥
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