दुनिया के हर फासले
अंजाद ले मेरे ओ मुसाफिर
है रफ़्तार या है तुममे दम
तेरे रास्ते में है जो कंटक
है तेरे फासले या है
तुझमे अभी भी दम
दुनिया के हर मोड़ पर
तेरा ही दीवाना नाम आएगा
शायद तेरे हर कदम के फासले
अब तेरे साथ जायेगे
मंजिले चुमू चुमू आसमा
चुम चूका हु फासले की हद
शायद अंदाज़ लूँ ये फासले
कितनी दूर अभी मुझको है बाकि
मंजिल है कितनी दूर
कितना रफ़्तार है तेरे कदमो में ॥॥॥
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