प्यार
किसी के प्यार
में हम पागल ऐसे थे
कोई कहता था
पागल ,कोई समझता था दीवाना
किसी के इंतजार
में हम ऐसे दीवाने थे
उसे लगता था
मैं पागल हु
काश उसे मैं
समझा पता
तुम मेरी मैं
तेरा हु
काश उसमे भी
ये समझ होती
जितनी हम ने
सोची थी
उसको कितना
समझा पाता
उसको कितना
दिखला पाता
मैंने तुझको
प्यार किया है
मैं तुझको चाहा
हरदम
मैं तेरा तू
मेरी है
काश उसे मैं
समझा पाता !!
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