मेरे दर्द में कभी कोई न मिला
ऐसा फूल मेरी फुलवारी में न खिला
जिसे चाहता था मै पहले
वो सब वो गुजर गए
कोई कभी हमें रास्ते में न मिला
हम भी थे तनहा रास्ते में
गुजरते-गुजरते भी न थे कहीं
क्या कहु किसको मै कहु
ऐसे में आज कोई मिल गया
दिल का शायद हम दर्द बन गया
क्या है वो मै सोचता हु यही
उसकी यादों में क्या रखा है
कभी वह भी भूल जाये हमें
अभी तक तो हम रास्ते देखे
पर अब जाकर कोई रास्ता मिला
ऐसे में दर्द का कोई अभी
रहम हमें कभी न मिला ॥॥
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