प्यार नहीं दे पाउगा
तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाउगा
मुझे करना माफ़ हे अमलताश की अमलकली
तुम सुगन्धित तुम कल्पबृच्छ हो
मैं धरती का अदना गायक
तुम जीवन की उपभोग योग्य
मैं नहीं हु अपने लायक
तुम जिस सय्या पर हो सोती
वोह राज सिंघासन हो जाता है
मैं तेरे राज सभा का हु दरबारी
माफ़ करना मुझे हे अबला नारी
तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाउगा
मुझे माफ़ करना हे गुलाब की पंखुड़ी
तुम छलकती जाम हो
मैं लुढ़कता शराबी
मुझे माफ़ करना हे फूलों की रानी
मुझे माफ़ करना बहारों की रानी ॥॥
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