महफ़िल
आज उसकी महफ़िल में हम न होते हुए भी हमारे चर्चे होंगे
बड़े अजनबी लोग होंगे बड़ी बेतुकी बातें होगी
मालूम तो उसको भी है मालूम मुझ को भी है
इतना डर क्यों सताने लगा है आज कल उसको !!!!
महफ़िल में साथ बैठने वालो जरा ध्यान देना
जो चर्चा तुमसे किसी और का कर रहा होगा
उसकी किसी और महफ़िल में तुम भी चर्चा बनोगे
हा में हां करने से क्या फायदा
क्यों की वोह शख्स न तुम्हारा न हमारा होगा !!!
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