मुबारक -मुबारक हो दोस्तां हमारा
शायद अब ज़िन्दगी की शुरुआत है
इस तन्हाई के मौसम में
बस मेरे दोस्त तेरी याद है
सोच रहा हु कुर्शी पर बैठा
तेरे उस इजहार का
ऐ मेरे दोस्त दुनिया में कुछ करना है
तो दुनिया नजर में पागल बनना है
मुबारक मुबारक हो दोस्तां हमारा
मेरे उज्वल है जीवन अपना
जो मात पिता हम ऐसे पाए
सजा रहे जीवन तेरा सौगातों से
हो मुबारक जन्म दिन मेरी यादों से
दोस्ती का ये मासाल है हमारा
अब वह दिन दूर नहीं मेरे दोस्त
जब जावा मेरी दोस्ती में आएगा
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