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Construction Safety Poem

काश उस दिन रामु ने हेलमेट पहना होता  काश उस दिन रामु हेलमेट पहना होता  आज उसके बच्चे भूखे न मरते होते  एक हेलमेट की वजह से जान गावानी पढ़ गयी रामु को  काश उस दिन रामु ने हेलमेट पहना होता  यूँ तो काम कर रहा था रामु तिस बरस से  लेकिन सुरक्षा का अनुमान न हो पाया था  जब भी सुरक्षा कर्मी साहब आते तब तब कहता था  तिस बरस हो Gaye है साहब इस लाइन में  काश उस दिन रामु ने हेलमेट पहना होता  आज बीबी बच्चे के वोह भी sang me होता  आज कोई जाके न पूछ पायेगा रामु से  क्या गलती थी रामु की उस दिन  लेकिन जो भी उसके संग थे तब से  बिन हेलमेट के न आये है कोई  काश उस दिन रामु ने हेलमेट पहना होता Rahul Nitin Gupta

तुम नाराज न होना

दुनिया रूठे लेकिन तुम नाराज न होना तुम नाराज न होना मेरी पहली मोहब्बत हो तुम इस तरह मुझसे नाराज न होना , मैं रुठु हर बार मना तुम लेना मुझको लेकिन दुनिया रूठे मुझसे तुम नाराज न होना मेरी ज़िन्दगी मेरी चाहत बन बैठे हो तुम इस कदर कभी नाराज न होना मैं जैसा भी हु मुझे अपना कर तो देखो तुम   मैं तुम्हारा ही हु तुम मेरी ही हो यह अहसास करके तो देखो दुनिया मुझसे जब दूर हो जाये तब देना सहारा मेरा तुम जब कुछ अपने पराये हो जाये तब तुम देना साथ मेरा मुझसे कभी नाराज न होना तुम तुम नाराज न होना,मैं कही भी रहु कैसे भी लेकिन दुनिया भूल सकता हु मैं लेकिन तुम्हारी चाहत को अपना बैठा हु मैं इस कदर की दुनिया रूठे लेकिन तुम नाराज न होना मेरी जा मेरी चाहत मेरी मोहब्बत हो तुम मेरे सपनों की कहानी हो तुम , मेरे अंगो की परछाई हो तुम ,इस तरह मुझसे नाराज न होना मैं रुठु हर बार मना तुम लेना मुझको , मेरी ज़िन्दगी भर की कमाई हो तुम बड़े सिद्दत से पाया है तुम्हे ,तुम मुझसे कभी नाराज न होना बहुत बड़े कारनामे कर बैठुंगा ,गर आपने दे दिया साथ मेरा ज़माने वाले भी जानेगे आपक...

मोहब्बत का गम

अमर प्रेम -  छोटा सा शहर ....एक छोटा सा बाजार ......जहां मेरी एक छोटी सी साज सज्जा श्रृंगार की दुकान है ....यहां बिंदी सुर्खी मंगलसूत्र आदि सभी प्रकार का समान मिलता है ....अब छोटा सा बाजार है तो दुकान पर आनेवाले हर उस ग्राहकों का चेहरा याद रह जाता है जो हंसमुखी हो व्यवहार में अच्छे हो ....ऐसे ही उसदिन मुझे मेरे ग्राहक के रुप मे सड़क के उस पार दूर एक बुजुर्ग अंकलजी दिखाई दिए जैसे ही मैनें उन अंकल देखा तो तुरंत उनको पहचान लिया. सहज-सहज वो इस ओर और नज़दीक आते जा रहे थे एक अलग सा जुड़ाव है उनसे मेरा.... करीब आठ साल पहले खुली मेरी इस दुकान के सबसे पहले ग्राहक वो ही थे पहले आंटी के संग आया करते थे उनकी पसंद की बिंदिया, चूड़ी दिलाने... मगर साल भर से अकेले ही आ रहें है ... अब आंटी ज्यादा चल-फिर नहीं पाती ऐसा बताया था उन्होंने... .. उनके लिये चूड़ी-बिन्दी, बालों की पिन अब अंकल ही ले जातें है हफ्ते दो हफ्ते में मेरी दुकान का चक्कर लगा ही लेते है चाहे एक बिन्दी का पत्ता ही लें, लेते जरुर है अक्सर मैं मज़ाक में बोल देता, "अंकल, आंटी से बहुत प्यार करते हो ना.... हर बार उनके लिये कुछ ना कुछ जरुर ले ज...
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इस प्यार को क्या नाम दूं

इस प्यार को क्या नाम दूं

ऐ मोहब्बत तेरे इस प्यार को क्या नाम दूं बता तेरे इस प्यार को क्या नाम दूं। आज फिर से तूने मुझे बजाय…
what should I call this love

what should I call this love

aai mohabbat what should I call this love of yours, tell me what should I call this love of yours. …
जय माता दी

जय माता दी

मोहब्बत की निशानी देखनी है तो देखो मां के दरबार मां वैष्णो देवी के दरबार में जहा जिस भक्त से मां को…
अब मेरी हर बातें तुमको कितनी कड़वी लगती है

अब मेरी हर बातें तुमको कितनी कड़वी लगती है

अब मेरी हर बातें तुमको कितनी कड़वी लगती है । एक दिन वोह भी था शायद तुमको याद होगा ,जब हर वक्त तुम्ह…
MS क्वीन University

MS क्वीन University

तू लाख दूरियां बना ले ,तू लाख जिद कर ले , तू लाख परेशान मुझको कर ले ।लेकिन मैं आऊंगा ,मैं आऊंगा ,मै…
वक्त गुजर जाता है मगर तुम नही मिलते ।याद तो बहुत आती है मगर, मिल हम नही सकते ।

वक्त गुजर जाता है मगर तुम नही मिलते ।याद तो बहुत आती है मगर, मिल हम नही सकते ।

वक्त गुजर जाता है मगर तुम नही मिलते ।याद तो बहुत आती है मगर, मिल हम नही सकते ।
आज फिर से तुम याद आ रहे हो

आज फिर से तुम याद आ रहे हो

आज फिर से तुम याद आ रहे हो आज पता नही क्यों तुम बहुत याद आ रहे हो  ,जिंदगी कुछ चंद पलों की मेहमान सी…
आया सावन आया झूम के

आया सावन आया झूम के

आया सावन आया झूम के ,बरसे बदरा झूल के ,कालिया खिलने का मौसम आया आया सावन आया झूम के , पेड़ो की पत्त…
स्कूल की जिंदगी

स्कूल की जिंदगी

वोह जिंदगी भी क्या जिंदगी थी जैसे चाहा आजाद परिंदे सा उड़ा । वोह जिंदगी भी स्कूल की क्या जिंदगी थी । …
स्कूल की जिंदगी

स्कूल की जिंदगी

वोह जिंदगी भी क्या जिंदगी थी जैसे चाहा आजाद परिंदे सा उड़ा । वोह जिंदगी भी स्कूल की क्या जिंदगी थी । …
बिदेश

बिदेश

जब तक गांव में था शहर की चिंता थी जब शहर गया तब गांव पता चला  शहर गया तब दूसरे बड़े शहर में जाने की च…
रिश्ते

रिश्ते

रिश्ते भले ही बेवजह शुरू होते हों,लेकिन जाते वक़्त वो आपको दो चीज़ें दे जाते हैं ।पहली वो रिश्ते से…
याद है मुझे

याद है मुझे

याद है मुझे याद है मुझेजब तुम बाहर भेजते वक़्त रोया करती थी  याद है मुझे याद है मुझे तुम्हारे आंख क…
12 ghazal

12 ghazal

मै आँगन हु तुम मेरे आँगन में तुलसी बन जाना  जहा से पा सकू बिस्तार वोह बिश्राम बन जाना  परीक्षा प्रेम …
महफ़िल

महफ़िल

आज उसकी महफ़िल में हम न होते हुए भी हमारे चर्चे होंगे बड़े अजनबी लोग होंगे बड़ी बेतुकी बातें होगी  मालू…