Construction Safety Poem
काश उस दिन रामु ने हेलमेट पहना होता काश उस दिन रामु हेलमेट पहना होता आज उसके बच्चे भूखे न मरते होते एक हेलमेट की वजह से जान गावानी पढ़ गयी रामु को काश उस दिन रामु ने हेलमेट पहना होता यूँ तो काम कर रहा था रामु तिस बरस से लेकिन सुरक्षा का अनुमान न हो पाया था जब भी सुरक्षा कर्मी साहब आते तब तब कहता था तिस बरस हो Gaye है साहब इस लाइन में काश उस दिन रामु ने हेलमेट पहना होता आज बीबी बच्चे के वोह भी sang me होता आज कोई जाके न पूछ पायेगा रामु से क्या गलती थी रामु की उस दिन लेकिन जो भी उसके संग थे तब से बिन हेलमेट के न आये है कोई काश उस दिन रामु ने हेलमेट पहना होता Rahul Nitin Gupta